25 वर्ष पूर्व क्षेत्र में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए वर्ष 1988 में तत्कालीन महेशरा पंचायत व मेडक़ुरी खुर्द पंचायत की सीमा पर प्रवाहित होने वाली सिवाने नदी पर बिहार सरकार के द्वारा वाटर प्यूरीफायर सिस्टम लगाया गया था। जहां से लोगों को मुश्किल से पांच साल तक वाटर सप्लाई की जा सकी थी। किसी कारण से इस सिस्टम के बंद हो जाने से लोगों को शुद्ध जल मिलना बंद हो गया था। झुमरा में वाटर सप्लाई सिस्टम के सेवानिवृत्त कर्मचारी प्रयाग मिस्री ने बताया कि यहां सिस्टम लगने के बाद मुश्किल से पांच साल तक पानी की आपूर्ति हुई थी। उसके बाद सिस्टम को बंद कर दिया गया। साथ ही यहां पर पानी सप्लाई के लिए लगे मोटर को विभाग द्वारा विष्णुगढ़ ले जाया गया। जिससे यह सिस्टम लगभग 25 साल से बेकार पड़ा हुआ था। अगर अब सरकार इसे पुन: चालू कर रही है तो क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत होगी। इस सिस्टम को राज्य मद के द्वारा 9.58 करोड़ की लागत से पुन: चालू किया जा रहा है। इसके लिए जोनिहियां में एक बड़ा जल मीनार बनाया गया है।
इन गांवों को मिलेगा जल : इस सिस्टम के चालू होने से जोनिहियां, महेशरा, जिनगा, झुमरा, तिलैया, हरली आदि गांवों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। जिससे अब लोगों को पीने के पानी से निजात मिलने की संभावना है।
जल्द शुरू हाेगी याेजना : कनीय अभियंता
इस संदर्भ में पेयजल स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि हमलोग पानी सप्लाई का पूरा काम कर लिए है। अब गांव के सभी घरों को पाइप के द्वारा जोडऩे का काम चल रहा है। अभी बैरिक का काम कुछ शेष है। जो जल्द पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि अभी नदी में पानी कम होने के कारण हमलोग अच्छी तरह से चालू नहीं कर पा रहे है।
इन गांवों को मिलेगा जल : इस सिस्टम के चालू होने से जोनिहियां, महेशरा, जिनगा, झुमरा, तिलैया, हरली आदि गांवों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। जिससे अब लोगों को पीने के पानी से निजात मिलने की संभावना है।
जल्द शुरू हाेगी याेजना : कनीय अभियंता
इस संदर्भ में पेयजल स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि हमलोग पानी सप्लाई का पूरा काम कर लिए है। अब गांव के सभी घरों को पाइप के द्वारा जोडऩे का काम चल रहा है। अभी बैरिक का काम कुछ शेष है। जो जल्द पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि अभी नदी में पानी कम होने के कारण हमलोग अच्छी तरह से चालू नहीं कर पा रहे है।