कृषि एवं किसानों के कल्याण पर व्यापक रूप से ध्यान केन्द्रित
⇒ किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी की जायेगी।
⇒ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 28.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा शुरू की जायेगी।
⇒ 89 सिंचाई परियोजनाओं को फास्ट ट्रैक किया जायेगा, जिनके लिए अगले पांच वर्षों के दौरान 86,500 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। इनमें से 23 परियोजनाओं को 31 मार्च 2017 से पहले पूरा किया जायेगा।
⇒ नाबार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की आरंभिक राशि के साथ समर्पित दीर्घकालिक सिंचाई कोष बनाया जायेगा।
⇒ सिंचाई पर बाजार उधारी सहित कुल परिव्यय 12,157 करोड़ रुपये है।
⇒ 6,000 करोड़ रुपये की लागत पर बहुपक्षीय वित्त पोषण के साथ सतत भूजल प्रबंधन से जुड़े प्रमुख कार्यक्रम का प्रस्ताव किया गया है।
⇒ वर्षा सिंचित क्षेत्रों में पांच लाख फार्म तालाबों एवं कुओं तथा जैविक उर्वरक के उत्पादन के लिए 10 लाख कम्पोस्ट गड्ढ़ों का निर्माण किया जायेगा।
⇒ मार्च 2017 तक 14 करोड़ कृषि जोतों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किये जायेंगे।
⇒ मृदा एवं बीज परीक्षण की सुविधाओं के साथ उर्वरक कंपनियों के 2,000 आदर्श खुदरा केन्द्र अगले तीन वर्षों के दौरान खोले जाएंगे।
⇒ एकीकृत कृषि विपणन ई-प्लेटफॉर्म को 14 अप्रैल, 2016 को डॉ. अम्बेडकर के जन्मदिन पर राष्ट्र को समर्पित किया जायेगा।
वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) पर 27,000 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे, जिसमें राज्य का हिस्सा भी शामिल है। पीएमजीएसवाई को पूरा करने की लक्षित अवधि को दो साल घटाकर वर्ष 2019 कर दिया गया है, जबकि पहले इसे वर्ष 2021 तक पूरा करना था।
वर्ष 2016-17 में नौ लाख करोड़ रुपये कृषि ऋण के रूप में प्रदान किये जाएंगे।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अनाजों की ऑनलाइन खरीदारी करेगा। इसके तहत समुचित पंजीकरण और खरीद की निगरानी करने से पारदर्शिता आयेगी और किसानों को सहूलियत होगी।
पशु स्वास्थ्य कार्यक्रम ‘पशुधन संजीवनी’ शुरू किया जायेगा। ‘नकुल स्वास्थ्य पत्र’ जारी किये जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्र
⇒ 14वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिकाओं को 2.87 लाख करोड़ रुपए की अनुदान सहायता दी जाएगी। इसका अर्थ यह हुआ कि प्रति ग्राम पंचायत 81 लाख रुपए एवं प्रति नगर पालिका 21 करोड़ रुपए अनुदान सहायता दी जाएगी।
⇒ सूखाग्रस्त एवं ग्रामीण समस्याग्रस्त क्षेत्रों के प्रत्येक प्रखंड को दीनदयाल अंत्योदय मिशन के तहत सहायता दी जाएगी।
⇒ 300 रुरबन कलस्टर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास केंद्रों को सहायता देंगे।
⇒ सभी गांवों में 1 मई 2018 तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।
⇒ अगले 3 वर्षों में लगभग 6 करोड़ परिवारों को शामिल करने के लिए ग्रामीण भारत के लिए एक नई डिजिटल साक्षरता मिशन योजना प्रारंभ की जाएगी।
⇒ संशोधित राष्ट्रीय भूमि रिकॉर्डों कार्यक्रम के जरिए भूमि रिकॉर्डों का आधुनिकीकरण।
⇒ राष्ट्रीय ग्राम स्वराज कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा।
सरकारी सब्सिडियों एवं लाभों की लक्षित आपूर्ति जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे गरीबों एवं हकदारों तक पहुंच सकें।
⇒ आधार संरचना का उपयोग करते हुए वित्तीय एवं अन्य सब्सिडियों आदि की लक्षित आपूर्ति के लिए नया कानून।
⇒ उर्वरक में डीबीटी को प्रायोगिक आधार पर प्रारंभ किया जाएगा।
⇒ देश में कुल 5.35 लाख उचित दर दुकानों में से 3 लाख दुकानों को मार्च 2017 तक ऑटोमेट किया जाएगा।
मुद्रा – 2016-17 में 1,80,000 करोड़ रुपए का ऋण लक्ष्य।