Diesel Generator क्या है पार्ट्स के नाम और उनकी वर्किंग

 आज की पोस्ट में हम DIESEL GENERATOR क्या होता है और इसके मुख्य पार्ट्स को जान लेंगे। 


DIESEL GENERATOR क्या है?

Diesel generator जिसे ज्यादातर DG नाम से जाना जाता है। इसका उपयोग उस जगह पर किया जाता है जहा पर हमे इलेक्ट्रिसिटी मतलब बिजली नहीं मिल पाती है, इसके अलावा इसका उपयोग इमरजेंसी में बिजली जरूरत के लिए भी किया जाता है। जैसे किसी कंपनी में अगर पावर ग्रिड से सप्लाई मिल रही है और वह किसी कारण से कट जाती है तो उस समय इमरजेंसी में कंपनी के उपकरण चलाने के लिए हम diesel generator का उपयोग लेते है।

डीजल जनरेटर एक ऐसा डिवाइस है जोकि डीज़ल इंजन और जनरेटर को जोड़कर बनाया गया है। इसी वजह से इसका नाम भी दोनों को मिक्स करके diesel generator रखा गया है।

इसके अंदर एक डीजल इंजन लगा होता है जोकि डीजल को burn करके मतलब जला करके हमे एक रोटेटिंग पॉवर को देता है। अब इस रोटेटिंग पावर से हम किसी भी उपकरण को घुमा सकते है। तो अब इस डीजल इंजन के साथ में अल्टरनेटर को जोड़ दिया जाता है। और जैसा की हम सभी को पता है की अल्टरनेटर एक ऐसा उपकरण है जिसके घूमने से हमे इलेक्ट्रिसिटी मिलती है। तो इसी तरह diesel generator काम करता है।

इसका उपयोग आपको कई जगह देखने को मिल जाता है जैसे- टेक्सटाइल कंपनी, माइनिंग, अस्पताल, ऑफिस और साथ मे कई घरो में भी इसका उपयोग होता है। मतलब जहा भी हमको बिजली की इमरजेंसी में आवश्यकता होती है वहाँ पर हम diesel generator का उपयोग कर लेते है।

Diesel generator के प्रकार

डीजल जनरेटर को उपयोग के आधार पर तीन भागो में बांटा गया है।

  1. Portable Generator (पोर्टेबल जनरेटर)
  2. Inverter Generator (इन्वर्टर जनरेटर)
  3. Standby Generator (स्टैंडबाय जनरेटर)

Portable Generator- यह पोर्टेबल जनरेटर का उपयोग मुख्यतोर से छोटे उपकरण को चलाने के लिए ही किया जाता है।



यह जनरेटर हमे इलेक्ट्रिसिटी देने के लिए गैस और डीजल फ्यूल का इस्तमाल करते है, यह Portable Generator सिर्फ टेम्पोररी बिजली की जरूरत के समय उपयोग में लिया जाता है।



Inverter Generator- यह जनरेटर बिजली उत्पन करने के लिए अल्टरनेटर की सहायता लेता है, जोकि डीजल इंजन से जुड़ा होता है। लेकिन इस इन्वर्टर जनरेटर में अंतर यह होता है की यह हमे इलेक्ट्रिसिटी तीन चरण से निकाल कर देता है।

inverter generator में सबसे पहले बिजली AC सप्लाई की फॉर्म में होती है, उसके बाद इसको DC करंट में बदला जाता है और आखरी में इस DC करंट को AC करंट में कन्वर्ट करके उपयोग में लिया जाता है।



Standby Generator- आप सभी ने आपकी कंपनी या फिर आपके घरो के आसपास किसी ऑफिस में जनरेटर लगा जरूर देखा होगा, अधिकतर समय पर वह स्टैंडबाई जनरेटर ही होते है।  यह जनरेटर इमरजेंसी बिजली सप्लाई के लिए उपयोग लिए जाते है। यह काफी ज्यादा KVA पावर के मार्किट में उपलब्ध हो जाते है।

Standby Generator kaise kaam karta hai

Diesel Generator parts के नाम

डीजल जनरेटर के अंदर मुख्य 22 पार्टस लगे होते हैं।

  1. डीजल टैंक (Diesel Tank)
  2. फ्यूल वाॅटर सेपरेटर (Fuel Water Separator)
  3. फ्यूल फिल्टर/आयल फिल्टर (fuel filter/oil filter)
  4. एक्टुयटर (Actuator)
  5. इंजन(Engine)
  6. लूबरीकेन्ट आयल फिल्टर ( Lubricant Oil Filter)
  7. प्राइमरी लूब ऑईल पम्प ( Primary Lubricant Oil Pump)
  8. कूलैंट टैंक (coolant tank)
  9. रेडिएटर और फैन(Radiator and Fan)
  10. कन्ट्रोल पेनल/पावर केम्प( Control Panel/Power Camp)
  11. एयर फिल्टर (Air Filter)
  12. टर्बो चार्जर (Turbo Charger)
  13. साईलेन्सर (Silencer)
  14. कपलिंग (Coupling)
  15. अलटरनेटर (Alternator)
  16. ऑटोमेटीक वोल्टेज रेगुलेटर (Automatic voltage regulator)
  17. एक्सीटर (Exciter)
  18. बैटरी (Battery)
  19. क्रेंक मोटर/स्टार्टर मोटर (Cranking Motor/Starter Motor)
  20. गवर्नर (Governor)
  21. फ्लायविल (Flywheel)
  22. सर्किट ब्रेकर (Circuit Breaker)

डीजल जनरेटर पार्ट्स और उनकी वर्किंग

डीजल टैंक(Diesel Tank): डीजल टैंक का उपयोग डीजल को स्टोर करने के लिए होता है। एक डीजल टैंक ज्यादतर 500 से 1000 litre का होता है। इसके अलावा डीजल टैंक की लिटर कैपेसिटी इस बात पर डिपेंड करती है कि हम कितने समय का Backup रखना चाहते हैं।

फ्यूल वाटर सेपरेटर(Fuel Water Separator): कई बार डीजल जनरेटर को खुली जगह पर रखा जाता है। जब बारिश का मौसम आता है तो पानी फ्यूल में मिलने का डर रहता है। तो इसी समस्या से बचने के लिए Fuel Water Separator को उपयोग लेते है। इसका काम फ्यूल में से पानी को अलग करना होता है।

फ्यूल फिल्टर/ऑयल फिल्टर(Fuel Filter/Oil Filter): कई बार ऐसा होता है कि डीजल में थोड़ा बहुत कचरा होता है या फिर डीजल टैंक में कचरा होता है। उस कचरे को निकालने के लिए इसका उपयोग होता है। यह उस कचरे को diesel engine के अंदर जाने से रोक लेता है।

एक्टुयटर(Actuator): एक्टूयटर की सहायता से हमें यह पता चलता है कि डीजल जनरेटर के इंजन में लोड के अनुसार कितना डीजल डालना है। इसकी वजह से फ्यूल वेस्ट की समस्या को काफी हद तक कम किया जाता है।

इंजन(Engine): इसका काम यह है कि यह अल्टरनेटर को मैकेनिकल पावर देता है। जिससे अल्टरनेटर हमे इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस करके देता है। diesel engine के अंदर एक rotor होता है, जो की Alternator को rotate करता है।

लुब्रिकेंट ऑयल फिल्टर(Lubricant oil Filter): लुब्रीकेंट ऑयल का इस्तेमाल फ्रिक्शन को कम करने के लिए होता है। अगर कभी लूब ऑयल में कोई छोटा मोटा कचरा जमा हो जाता है तो उसे निकालना का काम यह लुब्रिकेंट ऑयल फिल्टर करता है।

प्राइमरी लुब्रिकेंट ऑयल पंप(Primary Lubricant Oil Pump): इस उपकरण का उपयोग लुब्रिकेंट ऑयल को हर जगह पहुंचाने के लिए होता है। इसका काम यही है कि यह हर जगह लुब्रिकेंट ऑयल पहुँचाए।

कुलेन्ट टैंक(Coolant Tank): जब इंजन चलता है तो उसके अंदर होने वाले मोमेंट से लुब्रिकेंट ऑयल भी फ्रिक्शन होता है जिससे यह लुब्रिकेंट ऑयल गरम हो जाता है। इस लुब्रिकेंट ऑयल को ठंडा करना बहुत ही जरूरी होता है। उसको ठंडा करने के लिए पानी(डिस्टिल वाटर) और कूलैंट का उपयोग होता है। और उसी डिस्टिल वाटर और कूलैंट को स्टोर करने के लिए ही कुलेन्ट टैंक का उपयोग होता है।

रेडिएटर एंड फैन(Radiator And Fan): जब इंजन ज्यादा समय तक चलता है तो इंजन के साथ साथ डिस्टिल वाटर भी गर्म हो जाता है। इसी को ठंडा रखने के लिए फैन और रेडियेटर की मदद ली जाती है।

कंट्रोल पैनल/पावर कैंप(Control Panel/Power Camp): इसकी सहायता से हम डीजल जनरेटर को ऑन और ऑफ कर सकते हैं। इसके ऊपर एक डिस्प्ले होता है, जिसमें हम डीजी का आउटपुट वोल्टेज, फ्रीक्वेंसी, एम्पेयर आदि देख सकते हैं।

एयर फिल्टर(Air Filter): डीजल जनरेटर को चलाने के लिए डीजल के साथ एयर की भी जरूरत होती है। तो इसके लिए हम बाहर की हवा को उपयोग में लेते है। साथ ही इस एयर के साथ कोई डस्ट ना जाए इसी को रोकने के लिए ही एयर फ़िल्टर का उपयोग किया जाता है।

टर्बो चार्जर(Turbo Charger): टर्बो चार्जर का काम एयर फिल्टर होने के बाद उसको इंजन में डालना होता है। इसके साथ ही turbo charger का काम इंजन में बनने वाली कार्बन डाइऑक्साइड को इंजन से बाहर निकालना भी होता है।

साइलेंसर(Silencer): जब डीजल जनरेटर चलता है तो वह बहुत ही आवाज करता है। उस आवाज को कम करने के लिए साइलेंसर का उपयोग होता है।

कपलिंग(Coupling): इंजन व अल्टरनेटर को कपल करने के लिए कपलिंग का उपयोग होता है। जब इंजन घूमता है, तो कपलिंग की वजह से उसके साथ अल्टरनेटर भी घूमता है।

अल्टरनेटर(Alternator): इलेक्ट्रिसिटी को प्रोड्यूस करने के लिए अल्टरनेटर का उपयोग होता है। डीजल जनरेटर में जो अल्टरनेटर होता है, वह ब्रशलैस अल्टरनेटर होता है।

ऑटोमेटिक वोल्टेज रेगुलेटर(AVR): इसका उपयोग डीजी के वोल्टेज को सही करने के लिए होता है जब भी जी का वोल्टेज कम या ज्यादा होता है तो यह सही कर देता है।

एक्साइटर(Exciter): यह AVR मतलब आटोमेटिक वोल्टेज रेगुलेटर से मिलने वाले कमांड के अनुसार वोल्टेज को सेट रखता है।

बैटरी(Battery): डीजल जनरेटर के अंदर 12 VOLT-12 VOLT की 2 बैटरी लगी होती है, जो आउटपुट में हमे 24 वोल्टेज देती है।

क्रैंक मोटर/स्टार्टर मोटर(Cranking motor/Starter Motor): जब डीजल जनरेटर स्टार्ट होता है, तो उसे 90% स्पीड देने के लिए क्रैंकिंग मोटर का यूज़ होता है। यह डीजल जनरेटर के एक बार स्टार्ट होने के बाद ऑटोमेटिक बंद हो जाती है। इसका काम बैटरी की मदद से इंजन को ऑटोमेटिक स्टार्ट करना होता है।

गवर्नर(Governor): अल्टरनेटर को घुमाने के लिए इंजन के रोटर की स्पीड normally 1500 Rpm होना जरूरी है। जब रूटर की स्पीड कम या ज्यादा होती हैं। तो उससे मेंटेन करने के लिए Governor का ही उपयोग होता है।

फ्लाईव्हील(Flywheel): जब रूटर 1500 Rpm पर घूम रहा होता है। तो स्पीड में अचानक चेंज ना आए, इसके लिए फ्लाईव्हील का उपयोग होता है।

सर्किट ब्रेकर(Circuit Breaker): अगर कभी गलती से डीजल जनरेटर के अंदर कोई शॉट सर्किट या किसी भी प्रकार का कोई इलेक्ट्रिकल फाल्ट आ जाये तो यह सर्किट ब्रेकर ऑटोमैटिक ट्रिप होकर हमारे उपकरण को सुरक्षा देता है।

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